21 Shrasth Kahaniyan Promod Bharti

About The Book

इस पुस्तक में कुछ कहानियां विशिष्ट हैं जिनके सम्बंध में कुछ इंगित करना आवश्यक हो जाता है कुछ न कहने पर हो सकता है कि कुछ पाठक कहानियों के अभीष्ट को चूक जाएं। पहली कहानी 'एक थी नीलोफर' है। यह एक प्रतीकात्मक कहानी है क्योंकि भूतनाथ चैतन्य का प्रतीक है और नीलोफर आकाश की आत्मा है। जैसे ही हम बाह्य-जगत का प्रथमतः साक्षात्कार करते हैं हमें पांच तत्त्व दिखाई देते हैं‒पृथ्वी जल अग्नि वायु और आकाश। जिस ठोस सतह पर हम खड़े हैं वह पृथ्वी है समुद्र-नदी-तालाब-झरने इत्यादि जल तत्त्व हैं सूरज-चांद-तारे इत्यादि अग्नि तत्त्व हैं हमारी सांस के साथ जो भीतर-बाहर आवागमन करता है वह वायु है तथा जिसमें पुद्गल और आकाशीय पिण्ड अवस्थित हैं वह आकाश है। ये सभी मिलकर बाह्य-जगत को बनाते हैं और इनके अतिरिक्त अन्य कोई भी तत्त्व वहां उपस्थित नहीं है। इसीलिए ज्ञानियों ने जगत को एक पांच तत्त्व का पिंजरा बताया है और जीवात्मा को एक पक्षी बताया है।
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