21 Shreshth Kahaniyan : Ravindra Kalia

About The Book

हिंदी साहित्य में रवींद्र कालिया की ख्याति उपन्यासकार कहानीकार और संस्मरण लेखक के अलावा एक ऐसे बेहतरीन संपादक के रूप में है जो मृतप्राय: पत्रिकाओं में भी जान फूंक देते हैं। रवींद्र कालिया हिंदी के उन गिने-चुने संपादकों में से एक हैं जिन्हें पाठकों की नब्ज़ और बाज़ार का खेल दोनों का पता है। 11 नवम्बर 1939 को जालंधर में जन्मे रवीन्द्र कालिया हाल ही में भारतीय ज्ञानपीठ के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं उन्होंने ‘नया ज्ञानोदय’ के संपादन का दायित्व संभालते ही उसे हिंदी साहित्य की अनिवार्य पत्रिका बना दिया।
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