About The Book

यह काव्य-संग्रह एक गहन व्यक्तिगत शोक अनंत प्रेम और आत्मिक संवाद की भावनात्मक यात्रा है। लेखक अमित सक्सेना 'अनहद' ने इस पुस्तक को अपनी दिवंगत पत्नी डॉ. जूली माथुर की स्मृति में समर्पित किया है। संग्रह की प्रत्येक कविता एक अलक्षित प्रेम-गाथा का हिस्सा है - जहाँ नायिका की अनुपस्थिति में भी उसकी उपस्थिति हर शब्द हर विराम और हर श्वास में जीवंत बनी रहती है। शब्दों के माध्यम से लेखक ने वियोग को स्वीकारने स्मृतियों से जुड़ने और आध्यात्मिक प्रेम को अनुभव करने का माध्यम बनाया है। कहीं-कहीं कविताएँ सामाजिक रीति-रिवाज़ों स्त्री की पीड़ा और आत्मिक रिश्तों की भी झलक देती हैं।
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