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About The Book
Description
Author
ए. वेलुमणि मुंबई में अपने पहले दिन एक रेलवे प्लेटफॉर्म पर सोए। ध्रुव शृंगी लंदन में अपनी नौकरी से निकाल दिए गए और इरफान रजाक बेंगलुरु के एक रेडीमेड गारमेंट स्टोर में सेल्समैन थे। उन सभी ने आगे चलकर अपना ही व्यवसाय स्थापित किया। उन्होंने ऐसा कैसे किया? बेहद लोकप्रिय लेखक प्रकाश अय्यर आपको बीस भारतीय उद्यमियों के बेहद करीब ले जाते हैं जब वे उद्यमी उन्हें बताते हैं कि वे कैसे प्रेरित हुए आगे बढ़ने का हौसला उन्हें कैसे मिला और हम उनसे क्या सीख सकते हैं। अभिषेक लोढ़ा ऐसा क्या करते हैं जिससे उनके कर्मचारी कुछ ज्यादा करने की इच्छा रखते हैं? अनेक उद्यमों को एक साथ सँभालनेवाली मीना गणेश के पास काम और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने का कौन सा रहस्य है? और गौरव मार्या ने एक टेस्ट मैच से क्या सीखा जो समय से पहले ही खत्म हो गया? यह पुस्तक ऐसी कहानियों से भरी है जो उद्यमशीलता की भावना का जश्न मनाती हैं। कहानियाँ सफलता की संघर्ष की और टिके रहने की। शुरुआत करने तरक्की करने सफर का आनंद उठाने और ऐसी उम्मीद जगानेवाली कहानियाँ कि वे मंजिल तक पहुँच जाएँगे बशर्ते ऐसी कोई मंजिल है। सफलता अपने पीछे रास्ते छोड़ जाती है। आप चाहे एक उद्यमी हैं या एक कर्मचारी गृहिणी हैं या एक छात्र आपके पास उन पुरुषों व स्त्रियों से सीखने का अवसर है जिन्होंने अपने अंदर के उद्यमी को उन्मुक्त कर किया। उन्होंने कर दिखाया और अब ‘आप भी कर सकते हैं।’.