51 Shresth Vyang Rachnayen Sarojani Pritam

About The Book

डॉ. सरोजनी प्रीतम व्यंग्य-जगत में विख्यात हिन्दी की एकमात्र ऐसी महिला व्यंग्य-लेखिका हैं जिन्होंने अपनी रचना से 'हंसिका' नाम की एक नई विधा को जन्म दिया है।<br>आपने दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. करने के बाद 'स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी कहानी में नगर-जीवन' विषय पर पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।<br>आपका समूचा लेखन व्यंग्य के प्रति समर्पित है। अब तक आपको हास्य-व्यंग्य के लिए प्रधानमंत्री द्वारा दिनकर शिखर सम्मान 'सीता का महाप्रयाण' के लिए कामिल बुल्के अवार्ड; हास्य कविताओं के लिए कलाश्री पुरस्कार 'आखिरी स्वयंवर' के लिए हिन्दी अकादमी पुरस्कार आदि प्राप्त हो चुके हैं।<br>आपकी 30 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।<br>आपके हास्य उपन्यास 'बिके हुए लोग' पर 13 एपिसोड का हास्य धारावाहिक भी दूरदर्शन द्वारा स्वीकृत हो चुका है।<br>अब तक प्रकाशित हास्य-कहानियां कविताएं उपन्यास और बच्चों के लिए हास्य-कथाएं व कविताएं आपकी विशिष्टता है।<br>अब तक प्रकाशित कुछ पुस्तकें- आखिरी स्वयंवर एक थी शांता पोपटलाल विरहनामा आफत के पुतले अँधेरे की चट्टान सनकीबाई संकरी उदासचंद आशीर्वाद के फूल डंक का डंक लाइन पर लाइन हंसिकाएं ही हंसिकाएं छक्केलाल आदि।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE