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About The Book
Description
Author
मनुष्यमात्र के रक्त व आंसू की हाइड्रोजेनिक क्षमता (पी.एच.) का मान 7.4 होता है। जब किसी के आंख से आंसू गिरते हैं तो समझ लीजिए उसी मात्रा में उसके रक्त भी कमतर होंगे। तो फिर एक मानव दूसरे मानव को किस बात के लिए तकलीफ़ दें? रक्त और आंसू का मोल सबको समझना होगा। कोई क्योंकर किसी को दुत्कारें व उसके आंसू बहाए? कोई क्योंकर किसी को आंसू बहाकर उसके रक्त सुखाए? यदि कोई व्यक्ति दूसरों को कष्ट पहुंचाकर आंसू बहाने पर मजबूर करता है तो प्रकृति के परस्पर क्रियात्मक नियम के तहत वैज्ञानिकतः कभी-न-कभी उसी मात्रा में उसके रक्त भी निःसृत हों --- श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय भारत सरकार के ई.एस.आई.सी (ESIC - कर्मचारी राज्य बीमा निगम) में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत वरिष्ठ हिन्दी लेखक गंवरू प्रमोद (प्रमोद कुमार) पटना बिहार से ताल्लुक रखते हैं। प्रमोद जी विशेष तौर पर समसामयिक विषयों पर लेख लिखते रहते हैं। कविता एवं कहानी लेखन में भी इनका विशेष योगदान रहा है। प्रमोद जी किसी कार्य को समय सीमा के अंदर कैसे सम्पन्न किया जाए ऐसे विषयों पर लोगों को सलाह भी देते हैं। प्रमोद जी एक प्रेरक वक्ता के तौर पर पहचाने जाते हैं।