बोलती खामोशियां पुस्तक एक कविता संग्रह है जिसमे लेखक द्वारा लिखी सौ कविताओं का संकलन है बोलती खामोशियां अकेलेपन से होने वाले अहसास बयां करती बुक है।जब कोई व्यक्ति तमाम चीजें दरकिनार करके अपने खुशी गमअनगिनत अधुरी बाते तमाम एहसास और जज्बातों को सहेजता है उनके बारे मे सोचते हुए खुदसे ही बाते करता है।जब कोई नही होता उसके पास बात करने को ना कोई दोस्त ना कोई रिश्तेदार ऐसे मे व्यक्ति काफी अकेला महसूस करता है अपने अन्दर की बाते किसी न साझा कर पाता है ऐसे में वो एक ऐसी ख़ामोशी मे चला जाता है जहाँ पर वो और उसका अकेलापन ही उसके साथी बन जाते है फिर बाहरी दुनिया के लोगो से ज्यादा घुल मिलना नही होता। लोग सोचते है कैसा है ये जो किसी बात नही करता मिलता जुलता नही है तमाम तरह की सोच उसके प्रति बना लेते है।
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