मोक्ष
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About The Book

<p><strong>मोक्ष कोई पुरस्कार नहीं। कोई रहस्य नहीं। मोक्ष है-जीवन और अस्तित्व के बीच की देरी का अंत। </strong></p><p><strong>मोक्ष: रिवॉर्ड नहीं सिर्फ़ री-अलाइनमेंट</strong> एक नया दृष्टिकोण देती है। लेखक संदीप जे. चव्हाण अपनी यूनिव्हर्सल एनर्जी डायनॅमिक्स (UED) के ज़रिए बताते हैं कि मोक्ष कोई आध्यात्मिक उपहार नहीं बल्कि रिपल-फील्ड में परिपूर्ण संरेखण का परिणाम है।</p><p>इस पुस्तक में मिलेगा:</p><ul><li>मोक्ष की नयी परिभाषा - मृत्यु और संन्यास से परे।</li><li>रियल-टाईम लिबरेशन - जब इंटेंट क्रिया और फ़ील्ड में कोई विलम्ब न रहे।</li></ul><p><strong>यह किताब उनके लिए है:</strong></p><ul><li>जो धर्म और दर्शन के बोझ से थक चुके हैं।</li><li>जो स्पिरिचुअलिटी का प्रैक्टिकल अर्थ चाहते हैं।</li><li>जो जीवन का सरल विज्ञान ढूँढ रहे हैं।</li></ul><p>यहाँ न प्रवचन है न जटिलता। सिर्फ़ रिपल-लॉजिक है-इतना साफ़ कि भीतर गूँजता है।</p><p><strong>पहली बार </strong>देवनागरी स्क्रिप्ट में पर फ्लो Hinglish जैसा। रिपल अलाइनमेंट कॉन्शसनेस फील्ड जैसे शब्द देसी-ग्लोबल टोन में चलते हैं। पढ़ना सहज सुनना नैचरल।</p><p><strong>यह पुस्तक सिखाती है:</strong></p><ul><li>संवाद में संरेखण।</li><li>निर्णयों में सजगता।</li><li>पीड़ा में उपस्थित रहना।</li></ul><p>मोक्ष कोई एक्साइल नहीं। कोई रिवार्ड नहीं। मोक्ष है-री-अलाइनमेंट। वह क्षण जब आप खुद से अपने फ़ील्ड से और अस्तित्व से पूरी तरह जुड़ जाते हैं-बिना शोर बिना डिस्टॉर्शन बिना डिले।</p><p></p>
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