About The Book

जीवन कठिनाइयों की कसौटी है लेकिन हर संघर्ष के बाद एक नई सुबह होती है। सुशील कुमार श्रीवास्तव जिनका जन्म 03 अप्रैल 1960 को मध्य प्रदेश के रीवा नगर में हुआविज्ञान में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त श्रीवास्तव जी न केवल विज्ञान के क्षेत्र में पारंगत हैं बल्कि साहित्य और समाज सेवा के प्रति भी उनकी गहरी रुचि है। उनका जीवन सदैव संघर्षों और गहरे दुखों का संगम रहा है लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी भावनाओं को शब्दों में ढालकर साहित्य को अपना सहारा बनाया।यह काव्य संकलन उनके संघर्ष आत्मबल और सकारात्मक सोच का प्रतिबिंब है। उनकी कविताएं न केवल पाठकों को जीवन की कठिनाइयों को स्वीकार करने और उनसे उबरने की प्रेरणा देती हैं बल्कि यह भी सिखाती हैं कि मुस्कुराकर हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है। उनके शब्द आत्मविश्वास और आशा की नई किरण जगाते हैं। लेखक की एक और बेटियां... हमारा गौरव नारी सम्मान सशक्तिकरण और समाज में बेटियों की महत्ता को दर्शाने वाली एक प्रेरणादायक कृति प्रकाशन के अंतिम चरण में है जो पाठकों को शीघ्र ही उपलब्ध होगी।
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