*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹213
₹450
52% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
अपनी बात.. सबसे पहले करूँ याद मेरे ह्रदय मेंसँजोये मेरे माता पिताजी केआशीर्वाद को जिनके कारण में आज इस दुनिया में हूँवे नहीं अभी मेरे साथ पर उनका आशीर्वाद जीवनपर्यंत मेरे साथ रहाउनकी याद उनकी स्मृति को सादर प्रणाम।। आदमी जो भोगता है वही उसका अनुभववेदनाज्ञान बरबस उसकी कविता में झलकता हैप्रभावित करता है मेरे मन में जोकविता हैवो मेरा भोगा हुआ यथार्थ है। अपने आसपास घटित हो रही एक आम हिंदुस्तानी की रोजमर्रा कीज़िन्दगी पर उसका अवलोकनजो कविताके रूप में प्रकट हुआ। में अब क्या कहूँकहा बहुत कुछअबसमझ हीलेना लहज़े में कुछ कमी होतोमेरे चेहरे हीको पढ़ लेना कभी होती हैकिसीशख्स को दर्द कीइंतिहा इतनी उसेबयां किसे करेकैसे करेअक्सरसूझता ही नहीँ जयेश वर्मा.