रिश्ते बनाने और उन्हें जीवंत बनाए रखने के लिए ज़रूरी हैं रिश्तों की अहमियत को समझना। उन्हें महत्व देना। जीवन के हर मोड़ हर पड़ाव पर इनकी निर्णायक भूमिका होती है। इस पुस्तक को लिखने के पीछे का उद्देश्य मात्र इतना ही है कि हम रिश्तों की अहमियत को पहचान सकें और उन्हें पुनुर्रुजीवित और जीवंत बना सकें। इस पुस्तक में हम रिश्तों के महत्व को और विस्तार से समझने का प्रयास करेंगे साथ ही कुछ तथ्यों और तक़नीकों के माध्यम से रिश्तों को सहेजने और सवांरने की कीमिया भी सीखेंगे। यह पुस्तक मशहूर प्रेरकवक्ता और प्रशिक्षक श्री भूपेंद्र सिंह राठौर (BSR) द्वारा आयोजित रिश्तों पर केंद्रित एक कार्यशाला से प्रेरित है।यदि यह पुस्तक किसी एक के भी जीवन में उसके रिश्तों को नई ऊर्जा और जीवंतता देने में मदद करती है तो मैं समझूँगा कि मेरा प्रयास सार्थक रहा।. - मनोज श्रीवास्तव
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