ख़ामोशियों में छुपे खंजर जब अतीत के साए वर्तमान को लहूलुहान कर दें पाँच साल बाद मुंबई लौटी आर्या शर्मा को पिता की अचानक मौत की खबर मिलती है। लेकिन यह मौत सामान्य नहीं - यह एक सुनियोजित हत्या है। जब पुलिस उसके घर दस्तक देती है और हत्या शब्द उछालती है तो आर्या का जीवन पूरी तरह बदल जाता है। एक फोरेंसिक साइकोलॉजिस्ट के तौर पर आर्या खतरनाक सच की परतें खोलना शुरू करती है। पिता की गुप्त डायरी 25 साल पहले माँ प्रिया की रहस्यमय मौत और एक भयावह अहसास कि हर चेहरे के पीछे राज़ छुपे हैं। डॉक्टर समीर गुप्ता - परिवार का विश्वासपात्र चिकित्सक एक सीरियल किलर निकलता है। प्रेमी कबीर धोखेबाज़ साबित होता है। सौतेली माँ मीरा और भाई अमित में से भी कोई हत्यारा है। - जैसे-जैसे आर्या सच के करीब पहुँचती है खतरे बढ़ते जाते हैं। एक के बाद एक हत्याएँ होती रहती हैं। अंडरवर्ल्ड डॉन सुनील अग्रवाल का नाम सामने आता है। भ्रष्टाचार का जाल इतना गहरा है कि पुलिस तक में घुसपैठ है। लेकिन आर्या हार नहीं मानती। अपनी हिम्मत बुद्धिमत्ता और दृढ़ संकल्प से वह उस खूनी साज़िश को उजागर करती है जिसने उसके परिवार को तबाह किया था। क्या आर्या न्याय दिला पाएगी? क्या वह जान पाएगी कि उसकी असली पहचान क्या है? और क्या प्रेम और विश्वासघात के बीच उसे सच्चा साथी मिलेगा? 70-80 के दशक की क्लासिक हिंदी फिल्मों की भावनात्मक गहराई और आधुनिक थ्रिलर के रोमांच से भरी यह कहानी आपको अंत तक बांधे रखेगी। एक ऐसा पारिवारिक ड्रामा-थ्रिलर जो सिखाता है कि सच की जीत होकर रहती है। कुछ राज़ दबाने के लिए होते हैं कुछ सामने लाने के लिए।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.