यह पुस्तक आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों और प्राचीन वैदिक विज्ञान के समन्वय द्वारा हृदय स्वास्थ्य के लिए एक समग्र मार्गदर्शिका प्रस्तुत करती है। पुस्तक की शुरुआत एक प्रभावशाली प्रस्तावना से होती है जो वैश्विक स्तर पर हृदय रोगों के संकट और उनके रोकथाम व उपचार के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित करती है। प्रारंभिक अध्यायों में हृदय की जटिल शारीरिक रचना कार्यप्रणाली और रोग प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी गई है जो हृदय की देखभाल के महत्व को उजागर करती है। पुस्तक का एक महत्वपूर्ण भाग डायग्नोस्टिक प्रक्रियाओं पर केंद्रित है जिसमें आधुनिक तकनीकों के साथ-साथ वैदिक दृष्टिकोण से प्रारंभिक पहचान की संभावनाएं भी प्रस्तुत की गई हैं। हृदय देखभाल में वैदिक सिद्धांतों की भूमिका को भी पुस्तक में व्यापक रूप से समझाया गया है - जैसे ध्यान प्राणायाम संगीत चिकित्सा और आध्यात्मिक अभ्यास । रोकथाम संबंधी कार्डियोलॉजी में जीवनशैली में बदलाव संतुलित आहार और आयुर्वेदिक औषधियों का आधुनिक और वैदिक दृष्टिकोण से समावेश किया गया है। साथ ही आधुनिक कार्डियोलॉजी का विकास ऑलोपैथिक चिकित्सा में नवीन प्रगति तकनीकी नवाचार और उनकी सीमाएं भी प्रस्तुत की गई हैं। इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी से संबंधित सर्जिकल प्रक्रियाओं का विवरण और उनके साथ वैदिक उपायों के समन्वय को भी पुस्तक में समाहित किया गया है। पुस्तक समकालीन विमर्शो हृदय चिकित्सा में हो रहे परिवर्तनों और विविध दृष्टिकोणों को संतुलित रूप में प्रस्तुत करती है। अंतिम अध्यायों में सफल केस स्टडीज़ भविष्य की संभावनाएं और दीर्घकालिक हृदय स्वास्थ्य हेतु रणनीतियाँ दी गई हैं। यह पुस्तक चिकित्सा विशेषज्ञों के बीच समन्वय को प्रोत्साहित करती है और वैश्विक हृदय स्वास्थ्य सुधार के लिए साझेदारियों की आवश्यकता पर बल देती है। अंततः यह पुस्तक आधुनिक विज्ञान और वैदिक ज्ञान के समन्वय से समग्र हृदय देखभाल की दिशा में एक उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना करती है।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.