उपन्यास और हिन्दी आलोचना


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About The Book

<table> <tr> <th style=text-align:left>शम्भु नाथ मिश्र द्वारा लिखी गई *उपन्यास और हिन्दी आलोचना* एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जो हिन्दी साहित्य में उपन्यास की महत्ता और उसका साहित्यिक महत्व को समझने में मदद करती है।</th> </tr> <tr> <td style=text-align:left>**उपन्यास का महत्व:** यह पुस्तक उपन्यास के साहित्यिक महत्त्व पर ध्यान केंद्रित करती है जिससे पाठकों को उपन्यास के प्रकार संरचना और उसके साहित्यिक प्रभाव का गहरा ज्ञान प्राप्त होता है।</td> </tr> <tr> <td style=text-align:left>**हिन्दी आलोचना:** इस पुस्तक में हिन्दी साहित्य में उपन्यास की आलोचना की गई है जिससे पाठकों को उपन्यास के साहित्यिक महत्त्व को समझने में मदद मिलती है।</td> </tr> <tr> <td style=text-align:left>**संवादी दृष्टिकोण:** शम्भु नाथ मिश्र ने उपन्यास के साहित्यिक अंश को संवादी दृष्टिकोण से भी विश्लेषण किया है जिससे पाठकों को इसकी संवादिता और साहित्यिक विस्तार की महत्ता का अनुभव होता है।</td> </tr> <tr> <td style=text-align:left>**साहित्यिक उत्तरदायित्व:** इस पुस्तक में हिन्दी साहित्य में उपन्यास के साहित्यिक उत्तरदायित्व को भी ध्यान में रखा गया है जो पाठकों को साहित्यिक अद्यतन और विकास में मदद करता है।</td> </tr> <tr> <td style=text-align:left>**समृद्ध विचारधारा:** इस पुस्तक में विभिन्न समृद्ध विचारधाराओं को समाहित किया गया है जिससे पाठकों को उपन्यास के विभिन्न आयामों को समझने में सहायता मिलती है।</td> </tr> </table>
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