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About The Book
Description
Author
ये किताब महज़ एक किताब नहीं है मैंने अपनी आपकी हम सभी की ज़िन्दगी से कुछ पल कुछ क्षण चुन कर या यूँ कहें चुराकर स्याही और अक्षरों को एक ज़रिया बना वहीं थामने की एक कोशिश की है। अगर कहीं कोई भूल हुई हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूँ नादान समझ कर माफ़ कर दीजियेगा शुक्रिया। लेखक का परिचय- २ अक्टूबर १९९६ को दिल्ली में जन्मे नीरज झा को बचपन में लोग “गाँधी” नाम से पुकारा करते थे। बचपन से ही पढ़ाई और खेल-कूद दोनों विभागों में उनकी बराबर की रूचि रही है। अभी वे भारतीय नौवाहन निगम में एक कैडेट हैं और इस किताब का ज़्यादातर हिस्सा उन्होंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान ही लिखा है। कविताएँ लिखना उन्होंने बारहवीं कक्षा के बाद शुरू किया और “स्याही के अक्षर” उनकी पहली किताब है। वे अपनी कविताएँ “अनीर” नाम से लिखते हैं जो कि उनका कृतकनाम है।