*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹274
₹310
11% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
आज का मानव मशीन से जीतना चाहता है... निरंतर दौड़ बढ़ना जीतना उल्हास मनचाहा मनचीता करने के लिए निरंतर युद्ध रत है। सब मिला अपने दम पर साथ ही मिला अकेलापन अह्म चरम उत्साह और चरम निराशा। भाषा भी हिंग्लिश हो गई। ऐसे में युवा कवियत्री डाॅ.रूचि गौतम की तेरी अहमियत की कविताएं चांदनी की शीतलता इत्र की गंध सूरज की सुनहरी किरणों को अपने साथ भाषा की मिठास ठंड़क और गहराई में पिरो कर बड़ी नजाकत और नफासत के साथ लेकर आई है।