अरे अरे ! ज़रा संभल के! और डर को बोलो छूमंतर
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About The Book

अरे अरे ! ज़रा संभल के- एैडी गोरजी हम्पी डीजे और ऐजे को क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा लगता है। लेकिन कभी-कभी खेलते समय वे बहुत लापरवाही कर जाते हैं। एक दिन पिच बनाने के लिए वे एक नई जगह ढूँढते हैं। लेकिन उनके सामने जो ख़तरा है वे उसे अनदेखा करते हैं। उनके साथ क्या होता है?क्या उन्हें कोई चोट लगती है? वे अपने आपको कैसे बचाते हैं? यह मज़ेदार कहानी पढ़ो और देखो कि इसमें कौन सी नई सीख है। डर को बोलो छूमंतर- एैडी और उसके दोस्त फ़ुट्‌बॉल खेल रहे हैं। ओह! यह क्या हुआ? बॉल उछलकर दूर जंगल के अंदर चली गई। अब वे बॉल वापस कैसे लाएंगे? उन सबको जंगल में रहने वाले भूत से डर जो लगता है...क्या एैडी और उसके दोस्त बॉल वापस ला पाते हैं? क्या सच में उन्हें भूत का सामना करना पडत़ा है?यह मज़ेदार कहानी पढ़ो और पता लगाओ। देखो कि हमेशा खुश रहने वाले ये दोस्त अपने डर पर विजय कैसे प्राप्त करते हैं। नानी की कहानियों की हर किताब हर वोलयूम अलग है और अपने आप में संपूर्ण है पूरी है। कोई भी कहानी या वोलयूम एक दूसरे से जुड़ी हुई नहीं है। हाँ अगर कुछ जुड़ा है तो वो है हमारे प्यारे पाँच कलाकार बच्चे और उनकी नानी जिनसे वो जीवन के नैतिक मूल्य सीखते हैं और वो भी खेल खेल में। तो चलिए कोई भी वोलयूम उठाइए और उसमें लिखी हुई कहानियों का आनंद लें।
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