: यह किताब मे मेरी मात्र कुछ रचनाओ का संकलन है। अपने अनुभव समाज मे नारी की दशा का अवलोकन करते हुए मैंने अपनी भावनाओं को कलमबद्ध किया है। परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो मैंने सहेज होना चुना हैउसी सहजता को अपनी रचनाओं में प्रस्तुत करने की कोशिश की है। नारी के लिए अपने मन मे आने वाली भावनाएं मुझे इस किताब की रचना हेतु प्रेरित करती रही। इस पुस्तक के माध्यम से बरखाफागुन जैसे अनुभव को भी मैंने इस किताब के माध्यम से समाज मे बाँटने की कोशिश की है l
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