सुनो से अजी सुनिए तक ये कविताओं कि किताब उन विवाहित दम्पतियों को समर्पित है जिन्होंने शादी के दस से अधिक वर्षों से साथ रह रहे हैं। ये किताब उन युगल जोड़ियों की जिंदगी के सफर को दर्शाता है और उनकी एक दूसरे के प्रती भावनाओं को बयान करता है। शादी के पहले भावी वधू अपने होनेवाले भावी पति को सुनो कहकर बुलाती हैं और शादी होने के बाद पत्नी अपने पति को प्यार से अजी सुनिए तो कहकर आवाज देती हैं और पुकार लगा के बाते करती हैं।
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