Aakanksha / आकांक्षा


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About The Book

Being teacher as a profession A young Hindi and Maithili writer Deepika Jha was born in Madhubani Bihar. Currently she is the moderator of Dahej mukt Mithila foundation and a home maker. She had a lot of interest in studies from her childhood she always used to come first in her class. Her father expired when she was only 9 months old. She is a only child of her mother her mother struggled a lot and made her educate but a time came when her mother was facing a lot of problems and she was helpless so she married her daughter. At the time of her marriage she was only 16 years old. मधुबनी से ताल्लुक रखने वाली युवा हिन्दी एवं मैथिली लेखिका फिलहाल पुणे (महाराष्ट्र) में रहती हैं। दीपिका जी दहेज मुक्त मिथिला समूह से जुड़ी हुई हैं। लेखन में विषेश रुचि होने के चलते कई बार गीत एवं कविताएँ सोशल मीडिया एवं विभिन्न ऑनलाइन लेखन वेबसाइट पर प्रकाशित हो चुकी है। प्रस्तुत पुस्तक में दीपिका जी अपनी कुछ रचनाओं को आकांक्षा के रूप में प्रकाशित की है। यह पुस्तक कविता और गीत का संग्रह है। इनका मानना है कि जब तन मानव का है तो मन निश्चित ही महत्वाकांक्षी है। महत्वाकांक्षा यदि सबल हो और उसमें यदि किसी का नुक़सान छुपा ना हो तो उसे अपने आकांक्षा में परिवर्तित कर उसको साकार करने का प्रयत्न हम सभी को करना चाहिए। इस पुस्तक के द्वारा लेखिका ने अपने मनोभाव को शब्दों में पिरो के दूसरों तक पहुँचाने का और एक सकारात्मक ऊर्जा को संवहन करने का प्रयास किया है। चुनौतियाँ मानव जीवन की परछाई है हमें चुनौतियों से लड़ कर आगे बढ़ना है और अपने सपनों को ज़िंदा रखना है।
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