AAKHIR KAISI HINDI CHAHTE HAIN HUM (आखिर कैसी हिंदी चाहते हैं हम)


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About The Book

जैसा कि शीर्षक से ही जाहिर है हिंदी के चर्चित कवि-लेखक राहुल राजेश अपनी इस पुस्तक में ऐसे कई तल्ख सवाल-जवाब करते हैं जिनसे हम अक्सर कतरा कर निकल जाते रहे हैं। यह पुस्तक हिंदी की वर्तमान दशा- दिशा के जमीनी आकलन में हमारी मदद तो करती ही है यह हमें अपनी भाषा यानी हिंदी को लेकर नए सिरे से आत्म-मंथन और आत्म-चिंतन करने को बाध्य भी करती है। और हाँ यह पुस्तक हमसे सिर्फ सवाल ही नहीं करती बल्कि हमें रास्ता भी दिखाती है जिसपर चलना सिर्फ हिंदी के ही नहीं बल्कि हम सबके हक में भी होगा। राहुल राजेश संप्रति भारतीय रिज़र्व बैंक में प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं और फिलहाल मुंबई में पदस्थापित हैं।
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