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About The Book

सोशल मीडिया पर सबसे ज़्यादा ‘कोट’ किए जाने वालों शायरों में से एक त्रिपुरारि उर्दू के शायर और अफ़्साना निगार हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिन्दी और उर्दू अदब की पढ़ाई की। फिर मास कम्युनिकेशन में एमए किया। 2017 में योरकोट हिमालयन राइटिंग फ़ेलोशिप मिली। 2018 में लिट् ओ फ़ेस्ट बेस्ट मैन्यूस्क्रिप्ट कॉन्टेस्ट अवॉर्ड से नवाज़ा गया। 2019 में इनकी रचनाओं को महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड की ग्यारहवीं क्लास और 2020 में इनकी रचनाओं को भारती भवन की आठवीं क्लास की हिन्दी टेक्स्टबुक में शामिल किया गया। समस्तीपुर (बिहार) में जन्मे त्रिपुरारि फ़िलहाल मुम्बई में रहते हुए फ़िल्म/टीवी के लिए गीत स्क्रिप्ट लेखन कर रहे हैं। ‘इस नॉवेल में हमारा समाज इन्सानी रिश्ते और रिश्तों की उलझनें एक नए ढंग में सामने आती हैं। त्रिपुरारि ने लव-स्टोरी को साइंस-फ़िक्शन की शक्ल अता की है और अपने लिए एक नई और अलग राह तलाश की है। साइंस-फ़िक्शन हमारे यहाँ कम लिखा जाता है ख़ुशी है त्रिपुरारि ने इस तरफ़ संजीदगी से तवज्जोह दी है। उम्मीद है उनका ये नॉवेल साइंस-फ़िक्शन में एक संग-ए-मील साबित होगा’<br>- रहमान अब्बास साहित्य अकादेमी अवॉर्ड विनर उर्दू नॉवलिस्ट<br>आख़िरी इश्क़ साइंस-फ़िक्शन और फ़ैंटेसी जॉनर में लिखा ऐसा रूमानी नॉवेल है जो उर्दू और हिन्दी पढ़ने वालों को इश्क़ के मुख़्तलिफ़ रंगों में सराबोर करता है और जो उर्दू अदब की दुनिया में “साइंस-फ़िक्शन” को बतौर जॉनर कायम करने का हौसला रखता है।<br>भारत की आज़ादी के साथ ही सरकार एक सीक्रेट प्रोजेक्ट “द गेटवे ऑफ़ पास्ट एंड फ़्यूचर” की शुरुआत हिमाचल के तीर्थन वैली में एक लैब बनवाकर करती है। यहाँ ऐसी मछलियाँ तैयार की जाती हैं जिनकी आँखों में इंसान अपना माज़ी या मुस्तक़बिल देख सकता है। वैसी ही एक सुनहरी मछली की वजह से अल्मा और अबीर मुसलसल एक-दूसरे के ख़्वाब में आते और इश्क़ में पड़ जाते हैं।<br>यही सिलसिला एक ऐसी कहानी में तब्दील होता है जिसे पाठक पूरी पढ़कर ही दम लेंगे! लेकिन कहानी क्या वो पूरी होती है क्या कहानियाँ पूरी हो पाती हैं . . . और इश्क़ . . . <br>त्रिपुरारि के लेखन में ग़ज़ब सम्मोहन है। वो अपनी भाषा के साथ-साथ कथ्य से भी पाठकों को अपने मोहपाश में बाँध लेते हैं। उनके इस उपन्यास में प्रेम का एक अनूठा संसार तो खुलता है साथ ही ये एक ऐसी कथाभूमि पर गढ़ा गया है जो अचंभित भी करता है।<br>- अनंत विजय राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार विजेता पत्रकार-लेखक
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