‘‘हरि भटनागर मूलतः तल-जीवन के कहानीकार हैं। इसका प्रमाण उनकी कहानियाँ हैं। वे मनुष्यता की विजय पर विश्वास करते हैं। उनकी जीवन-दृष्टि में पराजय नाम की कोई चीज़ नहीं है। यथार्थवादी शैली में जीवन के जलते हुए रंग-रूप उनकी कहानियों में बहुत अलग ढंग से दिखाई पड़ते हैं। हरि भटनागर कहानियों के लिए कहीं दूर नहीं जाते बल्कि उन्हें अपने आसपास के जीवन से ही कहानी मिलती है और यही कारण है कि उनकी कहानी पर पूरी तरह विश्वास किया जा सकता है। वे सुसंगठित कहानी लिखना जानते हैं और ऐसी कहानी पाठक को निश्चित रूप से आकर्षित करती है। कहानी के सामाजिक सरोकार उभर कर सामने आते हैं और पाठक को एक निर्णायक भूमिका में खड़ा कर देते हैं।आपत्ति कहानी-संग्रह उनकी परिपक्व रचनाधर्मिता का एक प्रमाण है। ये कहानियाँ ऐसे संसार में ले जाती हैं जिसके बारे में हमारी जानकारी कुछ कम है। मुझे विश्वास है कि हरि भटनागर के इस संग्रह का पाठक स्वागत करेंगे।’’ - असग़र वजाहतवरिष्ठ साहित्यकार हरि भटनागर के अब तक चार कहानी-संग्रह और दो उपन्यास प्रकाशित हैं। उनकी कहानियाँ उर्दू मलयालम मराठी पंजाबी तथा अंगे्रज़ी रूसी और फ्रेंच में अनूदित हो चुकी हैं। वर्तमान समय में वे साहित्यिक पत्रिका रचना समय के सम्पादक हैं। ‘श्रीकांत वर्मा पुरस्कार’ ‘दुष्यंत कुमार सम्मान’ और ‘वागीश्वरी पुरस्कार’ से सम्मानित हैं।
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