कविता संग्रह उड़ान जिसमें विभिन्न रंग बिरंगे मुक्तक को एक तंतु में पिरो सुंदर सी लड़ी बनाई गई है। इसमें विविधता है।हर्ष उल्लास है तो वियोग और उदासी भी है।बचपन है तो जीवन का अवसान भी है।कल कल करती निर्झरणी है पखेरू की चहक है सुनहरा प्रभात है वात्सल्य की डोर है पिता के निश्छल प्रेम की अविस्मरणीय स्मृतियां हैं।बाल्यपनहै यौवन है श्रृंगार रस में डूबी अनुराग से भरी प्रियतमा है।प्रसव पीड़ा से आह्लादित जननी है ।ससुराल के प्रांगड़ में पति संग अठखेलियाँ करती सहधर्मिणी है। कठिन परिस्थितियों में भी पराजित ना होना निराशा को त्याग हिय में नवीन आशा जागृत करना ।नवीन ऊर्जा के साथ नित नई उड़ान भरना और शिखर तक पहुंचना। यही है हौसलों की उड़ान...…...
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