Aatmhathya Kyon..?? (Har Us Vyakti Ko Tyaag Do... Jo Tumhari Peeda Ka Karan Bane..)
Hindi

About The Book

आत्महत्या क्यों...???(हर उस व्यक्ति को त्याग दो... जो तुम्हारी पीड़ा का कारण बने...)क्या जीवन इतना कठिन है कि मृत्यु ही एकमात्र विकल्प रह जाता है? यह पुस्तक आत्महत्या जैसे संवेदनशील विषय पर गहराई से प्रकाश डालती है। यह पुस्तक सामाजिक परिवारिक मानसिक और भावनात्मक पहलुओं को छूते हुए जीवन के वास्तविक तथ्यों को उजागर करती है। यह केवल एक विश्लेषण नहीं बल्कि एक संवाद है- उन विचारों से जो व्यक्ति को जीवन की डोर छोड़ने को मजबूर करते हैं। लेखक ने न केवल आत्महत्या के पीछे छिपे कारणों को उजागर किया है बल्कि उन रास्तों की भी तलाश की है जो अंधेरे में रोशनी की एक किरण बन सकते हैं। यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए है जो कभी टूटा है बिखरा है या दूसरे के दर्द को समझने का प्रयास किया है। यह केवल एक पुस्तक नहीं एक पुकार है- जीवन की ओर लौटने की। जब शब्द चुप हो जाएं और भीतर एक अंतहीन सन्नाटा बोलने लगे तब जन्म लेती है “आत्महत्या की सोच”। यह पुस्तक किसी उपदेश की नहीं एक अनसुने दर्द की दास्तान है। यह उन आवाज़ों को शब्द देती है जो अक्सर समाज के शोर में खो जाती हैं- टूटे हुए मन घुटती उम्मीदें और थमे हुए आँसू। लेखक ने आत्महत्या के मनोविज्ञान को न केवल तथ्यात्मक दृष्टि से देखा है बल्कि आत्मा की गहराई से महसूस किया है। यह किताब एक आईना है जिसमें शायद आप खुद को या किसी अपने को देख पाएंगे। यह पुस्तक मरने की नहीं जीने की वजह तलाशने की कोशिश है।
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