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About The Book
Description
Author
हिंदी के महान उपन्यासकार और कथा सम्राट प्रेमचंद ने हिंदी साहित्य में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया। उन्होंने अनेक उपन्यास लिखे जिनमें रंगभूमि कर्मभूमि और गोदान मुख्य रूप से विख्यात हैं। प्रेमचंद ने उर्दू से हिंदी भाषा में भी रूपांतरण किया है। जिसमें आज़ाद कथा उनके द्वारा रूपांतरित उपन्यासों में से एक है इसके रचयिता पंडित रतन नाथ सरशार हैं। जिनकी सबसे बड़ी रचना फसान-ए-आज़ाद तीन हज़ार पृष्ठों में फैली है। यह उपन्यास सामंती समाज की पतनशीलता के साथ-साथ आधुनिक विचारों के आगमन को भी बहुत सुंदरता से प्रस्तुत करता है। मानव स्वभाव और संबंधों की सजीव और सुन्दर प्रस्तुति के साथ-साथ हास्य-व्यंग्य का पुट और भाषा की गतिशीलता उपन्यास को महत्त्वपूर्ण बनाते हैं। यह उपन्यास हिंदी में उपलब्ध नहीं है लेकिन प्रेमचंद ने आज़ाद कथा नाम से इसका एक संक्षिप्त रूपांतरण किया। प्रेमचंद की लेखन शैली तो क़ाबिले तारीफ़ और उम्दा किस्म की है ही लेकिन रूपांतरण भी कुछ कम अनोखा नज़र नहीं आता है। उन्होंने टॉलस्टॉय को कहानियाँ गाल्सवर्दी के तीन नाटकों हड़ताल चाँदी की डिबिया और न्याय नाम से भी अन्य अनुवाद किए। लेकिन अनुवादित रचनाओं में आज़ाद कथा बहुत ही प्रसिद्ध हुआ। प्रेमचंद को साहित्य की दुनिया का बादशाह कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।