Ab Jaake Lab Khule
Hindi

About The Book

<p>अब जाके लब खुले... जाहिर है ये किताब सभी स्त्रीयों को समर्पित है। हर उमर हर रिश्ता हर किरदार निभाती सभी सखियों के मन की आवाज इस में आप सुन सकते हैं। <p><p>उम्र के हर पड़ाव पर हमें जो लडकी या स्त्री है उसे एक संघर्ष से गुजरना पड़ता है। दौर भले ही बदला है पर अभी तक औरत दहलिज के अंदर माँ और बीवी आदर्श बनी रहे फिर चाहे ओ बाहर कुछ भी कर ले... दायरे ये समाज ने बनाये है या हम खुद ही ना चाहते हुए इसी द्वद्व में सारी उमर काट देती है कि हम सब के लिये जीये या फिर कुछ हमारा भी अपना अलग अस्तित्व है। हर स्त्री कि भावनाओ के इन गहरे रंगो को मैने अपने शब्दो में ढालने कि कोशिश कि है। शायद आप के भी जीवन में ऐसा कोई रंग कभी आया हो जो मेरी कविता आप को याद दिला दे... लेकिन इस संघर्ष से बाहर निकल मैने कुछ आगे बढ़ अपने आपसे कुछ वादा किया के अब तो खुद के लिये इन लबों को कुछ खुलना होगा फिर अपने सपनों को जीना होगा...<p><p>उम्मीद है आपको ये संग्रह अपने भीतर झाकनें की प्रेरणा दे।<p>
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