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About The Book
Description
Author
‘आधुनिक त्रिपुरा के शिल्पकार’ महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर का जन्म 19 अगस्त 1908 को हुआ था। पंद्रह वर्ष की आयु में ही वे त्रिपुरा के महाराजा बन गए। लेकिन राज्य के लिए उनके द्वारा किए गए विकासोन्नमुखी कार्यों और प्रशासनिक निर्णयों पर कहीं से भी उनकी कम उम्र की छाप नजर नहीं आई। त्रिपुरा में आधुनिक विकास का परिचय उन्होंने ब्रिटिश राज के तहत उस वक्त कराया जब देश में विकास की चर्चा कोसों दूर थी। अपने शासन में बीर बिक्रम ने हवाई अड्डे के निर्माण से लेकर विश्वविद्यालय तक का निर्माण करवाया। उनके शासन में बनी नीर महल उन्नत वास्तुकला का प्रदर्शन करते हुए आज भी राज्य में पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र है। त्रिपुरा में नगर निगम सुधारों से लेकर होटल बैंक सिनेमाघर आधुनिक तकनीक से युक्त अस्पताल तक उन्होंने मुहैया करवाया। सामरिक सुरक्षा के बाबत महाराजा ने त्रिपुरा की सेना को नई शक्ल देते हुए उसे आधुनिक हथियारों से लैस किया था। एक राजशाही शासक होने के बावजूद भी बीर बिक्रम के शासन में जनता के हित सर्वोपरी थे। वे उदार सोच और सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखने वाले व्यक्ति थे। उनके शासन का मूल मंत्र आज के ‘सबका साथ सबका विकास’ मूल मंत्र सरीखा था। जनजाति समुदाय के लोग हों अथवा बंगाली समुदाय के लोग महाराजा ने सबके लिए एक समान कार्य किया। राज्य में प्रमुख रूप से प्रचलित दोनों प्रमुख भाषाओं बंगाली और कॉकबरक भाषा को वे समान दृष्टि से देखते थे।