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About The Book
Description
Author
एक परिचय कवि कुमार गिरीश प्रकृतिनिजआराध्य माता-पिता और समस्त महान विभूतियों एवं संपर्क जन्य भव एवं भव परे समर्पित यह कृति। आज परिवेश में आए सामाजिक मानसिक सांस्कृतिक और राजनीतिक विचारधाराओं से परे भीश्रृंगार वीरता दर्शाने वाली सरिता धारा रूपी कविताओं का गुणगान कवि या लेखक के पवित्र हृदय धारा से उद्भूत होते हुए शब्द सरिता को भाव बनाकर कलम की धारा में बहाते हुए निरंतर सदाबहार रहने का उजियाला वातावरण बनाते हुए स्पष्ट प्रतित्य है। क्योंकि आज की पीढ़ी श्रंगारिकता के पात्रों को महत्व देते हुए वीरता की प्रधानता बनाकर और ओज-रौद्रता का गान सुनना -पढना पसंद करती है जिन्हें समर्पित यह पुस्तक जो पावन कलम से लिखी गई आधुनिक युवा श्रृंगार को सार्थक सिद्ध करती हैं । इस पुस्तक की रचना का उद्देश्य आज निरंतर हिंदी से जो दूरीया बनती जा रही है उन्हें एक बार फिर एकजुट करने का प्रयास मात्र ताकि हिन्दी माँ की गरिमा रहे। हिन्दी विद्याए और साहित्य की धारा सदैव बहती रहे एवं समाज मे नये -नये विचारो का सृजन होता रहे।.