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About The Book
Description
Author
ऑस्ट्रिया में जनमा एडोल्फ हिटलर बारह वर्ष तक जर्मनी का शासक रहा। उसके शासनकाल की परिणति द्वितीय विश्व युद्ध के रूप में हुई जिसमें लाखों लोग मारे गए। यही कारण है कि आज तक के इतिहास में उसकी गणना सबसे घृणित एवं दुष्ट व्यक्तियों में की जाती है।हिटलर को शुरू से ही कला में बहुत दिलचस्पी थी और वह एक वास्तुकार बनना चाहता था। वह सन् 1913 में म्यूनिख (जर्मनी) गया और वहाँ की कला एवं वास्तुशिल्प ने उसे मोहित कर लिया। एक जर्मन देशभक्त होने के बावजूद उसे कोई सरकारी पद नहीं मिल सका क्योंकि उसके पास वहाँ की पूर्ण नागरिकता नहीं थी। प्रथम विश्व युद्ध के बाद भी वह सेना में ही रहा और तरक्की करते हुए उसने पुलिस जासूस का दर्जा प्राप्त कर लिया।धीरे-धीरे हिटलर एक अच्छा वक्ता बन गया। उसका भाषण सुनने के बाद लोग पागलों की तरह उसका पीछा करते और वह जो कुछ कहता उस पर विश्वास कर लेते। हिटलर ने निम्न और मध्य वर्गों के बीच की दूरी को मिटाकर उन्हें एक ही स्तर पर लाने में पर्याप्त सफलता पाई। अंतत: अनेक पार्टियों की मदद से उसने जर्मनी की सत्ता हथिया ली और सेना को अपने नियंत्रण में ले लिया।हिटलर की महत्त्वाकांक्षा निरंकुशता एवं सैन्य-संचालन के बारे में बहुत कुछ ज्ञात होते हुए भी आम आदमी उसके बारे में और अधिक जानने को उत्सुक रहता है।बीसवीं सदी के इस बहुचर्चित एवं विवादास्पद व्यक्तित्व के बहुत से जाने-अनजाने पहलुओं और अनेक अज्ञात रहस्यों पर इस पुस्तक में विस्तृत प्रकाश डाला गयाहै।