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About The Book
Description
Author
अदृश्य किनारा’ संग्रह की अधिकतर कहानियों की पृष्ठभूमि में प्रवासी पुट है। लेखिका का कहना है कि वह अलग हो सकता है पर मैं उसे अचीन्हा या आगंतुक नहीं छोड़ना चाहती क्योंकि संवेदना सार्वभौमिक होती है। मनुष्य विश्व के किसी भी कोने में रहे उसे नचानेवाली प्रवृत्तियाँ हर जगह समान होती हैं। विभिन्न परिवेशों से गुजरकर वह किस तरह परिवर्तित होता है और परिवर्तित करता है उसे दूर से देखकर भी उसे जीती हूँ और कहानियाँ लिखती हूँ।.