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About The Book
Description
Author
अमल जब से अस्पताल से लौटा है तब से वह घर में कैद है। क्योंकि डॉक्टरों ने हिदायत दी थी कि अमल कहीं भी अकेले न जाए कोई ना कोई उसके साथ होना चाहिए अगर सड़क पर आखों के सामने अंधेरा छा जाने से कोई हादसा हो गया तो...। दादी इस बात से इतना डर गई कि उन्होंने अमल के ठीक होने तक अमल का स्कूल जाना भी बंद कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने अमल का घर से बाहर निकलना भी बंद कर दिया है। एक बार मैं चुपके से अमल को घर से निकाल कर मुंबई घुमाने ले गया था। लेकिन वह मेरी गलती थी क्योंकि उस दिन अमल की तबीयत इतनी खराब हुई कि उसके बाद वह कभी भी घर से बाहर नहीं निकल पाया। इस बात का पछतावा मुझे आज तक है। इस घटना के बाद दादी और मेरे संबंधों के बीच खटास आ गई। मेरा अमल के घर में घुसना बंद कर दिया गया। बाकियों की तरह मैं भी अमल की खिड़की के बाहर की दुनिया का हिस्सा बन गया। अमल अब जिंदगी के उस मुहाने पर हैं जहां से शायद वह फिर वापस ना आ सके।