ब्रज क्षेत्र के इतिहास से संबंधित पुस्तक 'आगरा मुगल नहीं ब्रजभूमि है' एक ज्ञानवर्धक पुस्तक है जिसमें गहनता के साथ संदर्भित क्षेत्र के इतिहास पर प्रकाश डाला गया है। पुस्तक की भाषा सरल सहज है। उसमें दिए गए तथ्यों की प्रमाणिकता के संबंध में लेखिका ने अपनी बात बेबाक रूप से प्रस्तुत की है चाहे कोई उससे सहमत हो या असहमत। 30 अध्यायों में विभाजित यह पुस्तक केवल आगरा ही नहीं बल्कि पूरे ब्रज क्षेत्र के इतिहास को सामने ला कर खड़ा करती है और बताती है कि यह क्षेत्र किस' तरह कई बार उजड़ा एवं किस तरह उसने पुनः स्वयं को उबारा। 'आगरा मुगल नहीं ब्रजभूमि है' की लेखिका भावना वरदान शर्मा ने निसंदेह पुस्तक लेखन में भारी श्रम किया है। मुझे विश्वास है कि इस पुस्तक के अध्ययन से पाठकों का ज्ञानवर्धन होगा।
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