Ajastra Behte Man Moti
Hindi

About The Book

नित्य मन सागर में उठते हजारों विचारों को काव्य/ गीत रूप में लिखकर मैं प्रेम आनंदरस में डूब उतर जाता हूँ | और ये सिलसिला पिछले 50 वर्षों से सतत अनवरत चलता आ रहा है | माँ भगवती सरस्वती की मुझपे अत्यंत कृपा है कि मैं ये लेखन कार्य निरंतर निर्बाध रूप से करता आ रहा हूँ | मैंने अपने इस लिखने के शौक के लिए कई एक भाषाएं सीखी यथा :हिंदी संस्कृत अंग्रेजी फ्रेंच और ज़र्मन इत्यादि | लेखन कार्य के अतिरिक्त मुझे घूमने माउंटेंनियरिंग करने एवं पेंटिंग/ चित्रकारी का भी शौक रहा | मैंने करीब 38 साल भारतीय रिज़र्व बैंक जयपुर में कार्य किया और वर्ष 2019 सितंबर माह में सहायक प्रबंधक पद से सेवानिवृत हुआ | तत्पश्चात मैंने जयपुर में अपने निवास में एक सुंदर मंदिर स्थापित किया जिसमें वेदमाता गायत्री एवं योगविदहनुमानजी की मूरत लगवाई और ये मंदिर मेरे माता-पिता की स्मृति में बनवाया गया है |सुनीलानंद
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE