Ajeeb Aadmi


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE

Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Fast Delivery
Fast Delivery
Sustainably Printed
Sustainably Printed
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.

About The Book

मंगला चोट खाई नागिन की तरह पलटकर खुद ही को डसने लगी ! उसके पति ने, जो उसका आशिक भी था, माशूक भी, उसके नारीत्व को ठुकराया था ! उसके प्यार का अपमान किया था ! उसकी कला का गला घोंट दिया था ! कभी उसकी आवाज गली-कूंचों में गूंजा करती थी, खुद को साडी दुनिया पर छाई हुई महसूस करती थी ! अब उसके गाने कभी-कभी ही रेडियो पर सुनाई देते ! दुनिया ने उसे जिन्दा ही दफ़न करना शुरू कर दिया था ! और इस कफ़न-दफ़न में धर्म-उसके पति का हाथ सबसे आगे था ! अपनी फिल्मों के लिए रिज़र्व करके फिर एकदम दो कौड़ी की एक लड़की जरीन की खातिर उसे दूध की मक्खी की तरह निकल फेंका ! आखिर मंगला अपने अस्तित्व की रक्षा में सफल हो सकी? धर्मदेव और जरीन के प्यार का क्या हुआ? क्या वह परवान चढ़ सका; य फिर मंगला और धर्मदेव का मिलन हो सका? बहुचर्चित-प्रशंसित लेखिका इस्मत चुगताई का एक रोमांटिक उपन्यास है-अजीब आदमी ! इस उपन्यास में लेखिका ने फिल्म-जगत की रंगीनियों की यथार्थ झांकी बड़ी बेबाकी से प्रस्तुत की है ! बेहद रोचक और पठनीय उपन्यास !|मंगला चोट खाई नागिन की तरह पलटकर खुद ही को डसने लगी ! उसके पति ने जो उसका आशिक भी था माशूक भी उसके नारीत्व को ठुकराया था ! उसके प्यार का अपमान किया था ! उसकी कला का गला घोंट दिया था ! कभी उसकी आवाज गली-कूंचों में गूंजा करती थी खुद को साडी दुनिया पर छाई हुई महसूस करती थी ! अब उसके गाने कभी-कभी ही रेडियो पर सुनाई देते ! दुनिया ने उसे जिन्दा ही दफ़न करना शुरू कर दिया था ! और इस कफ़न-दफ़न में धर्म-उसके पति का हाथ सबसे आगे था ! अपनी फिल्मों के लिए रिज़र्व करके फिर एकदम दो कौड़ी की एक लड़की जरीन की खातिर उसे दूध की मक्खी की तरह निकल फेंका ! आखिर मंगला अपने अस्तित्व की रक्षा में सफल हो सकी? धर्मदेव और जरीन के प्यार का क्या हुआ? क्या वह परवान चढ़ सका य फिर मंगला और धर्मदेव का मिलन हो सका? बहुचर्चित-प्रशंसित लेखिका इस्मत चुगताई का एक रोमांटिक उपन्यास है-अजीब आदमी ! इस उपन्यास में लेखिका ने फिल्म-जगत की रंगीनियों की यथार्थ झांकी बड़ी बेबाकी से प्रस्तुत की है ! बेहद रोचक और पठनीय उपन्यास !
downArrow

Details