This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.सुमेधा एक झटके से उठ कर बैठ गयी...और घबराते हुए इधर उधर देखने लगी....वो भयानक साया और उसकी लाल आंखे अब भी उसके जेहन में घूम रही थी....उसने अपना सर पकड़ लिया जो बहुत दर्द कर रहा था एक तो टूटी हड्डी का दर्द ऊपर से अब सर भी बहुत दर्द हो रहा था....शायद सुबह हो चुकी थी...थोड़ी बहुत रोशनी उस अंधेरी कोठरी में भी आ रही थी....सुमेधा ने अपने टूटे हुए पैर को देखा...टूटी हुई हड्डी साफ नजर आ रही थी....और सूजन भी काफी बढ़ चुकी थी..ये वो अच्छी तरह से जानती थी कि अगर समय पर इसका इलाज न किया गया तो इन्फेक्शन बढ़ने की वजह से उसका पैर सड़ने लगेगा और काटना भी पड़ सकता है....यहाँ तो जिंदगी के लाले पड़े हैं और उसे पैर की चिंता हो रही है....उसे अपने ही विचार पर गुस्सा आने लगा! उसे प्यास भी लग रही थी और भूख भी....अजीब और अजीब-2 के रोमांचकारी सफर का ये अंतिम अध्याय हैजिसका नाम है-'अजीब 3-द लास्ट डेस्टिनेशन' खौफ और रोमांच की चरम सीमा क्या होती है?ये आपको अंतिम अध्याय में ज्ञात हो जाएगी और एक बार पुनः आपका मष्तिष्क कुछ क्षणों के लिए 'सुन्न' पड़ जाएगा और दिमाग मे एक ही बात गूंजेगी-क्या ऐसा भी हो सकता है!!!अजीब' के खौफनाक सफर पर जहां विराम लगा था'अजीब 2-द डेड एन्ड' का खौफ और रोमांच से भरा सफर वहीं से शुरू होता हैजहां आपको आपके अनसुलझे सवालों के जवाब मिलेंगे...लेकिन सावधान!अपने दिमाग को 'झटका खाकर सुन्न' होने से बचाना होगा!
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