मैं वीरेंद्र सिन्हा “अजनबी“ सुपुत्र स्वतंत्रता सेनानी श्री शूर वीर सिंह चौघरी बिजनोर उत्तरप्रदेश से हूँ वर्तमान में मुम्बई में एडवोकेट की हैसियत से कार्यरत हूँ। मेरी यह पुस्तक “अजनबी के शायराना अंदाज़“ प्रकाशित होने वाली पहली पुस्तक है जो “बुकस्क्लिनिक पब्लिशिंग“ प्रकाशित कर रहे हैं। इसका दूसरा भाग भी उन्ही के द्वारा शीघ्र प्रकाशित होगा जो हिंदी की कविताओं व मुक्तकों आदि को लेकर होगा। इस पुस्तक में मैंने ग़ज़ल किता व अशार को सम्मिलित किया है जो हैं तो ज़्यादातर उर्दू के आसान शब्दों में किंतु उर्दू की बजाय देवनागरी लिपि में लिखे गए हैं। उर्दू शायरों के जैसी मेरी लियाक़त तो नहीं है किंतु बस एक शौकिया कोशिश की है जज़्बात ख़्यालात और एहसासात का इज़हार करने की। तकनीकी लिहाज़ से इसमें बहर वज़न क़ाफियों आदि की कुछ ख़ामियाँ ज़रूर रह गईं होंगी। मगर मैं जो भी जैसा भी लिख पाया हूँ उसे आपकी खिदमत में पेश कर रहा हूँ।
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