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About The Book
Description
Author
मिथिलेश कुमार सिंह की अम्बेडकर इस्लाम और वामपंथ न सिर्फ बाबा साहब अम्बेडकर के इस्लाम और वामपंथ के प्रति उनके विचारों को पाठकों के सामने रखती है वरन आज की ताजा राजनीति में इस्लाम एवं वामपंथ के नेतृत्व द्वारा अम्बेडकर को अपना बनाने के प्रयासों—जैसे सीएए (CAA) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान—के सत्य को उजागर करती है। कभी मीम-भीम के नाम पर तो कभी हिन्दू धर्म के विरोधी के तौर पर बाबा साहब अम्बेडकर को अपना बनाने को दोनों ही खेमे उत्सुक दिखाई देते हैं। पुस्तक में अम्बेडकर के विचारों को आज के परिप्रेक्ष्य में रख कर लेखक ने इन दोनों खेमों के कुत्सित तर्कों को बिंदुवार ध्वस्त किया है और ये बताया है कि अम्बेडकर के विचार इस्लाम और वामपंथ दोनों को लेकर कितने स्पष्ट थे और जिनसे ये स्थापित होता है कि वे इन दोनों के हिमायती तो बिलकुल भी नहीं थे और इसलिए इन दोनों खेमों द्वारा अम्बेडकर को अपना बताने के प्रयास एक छलावा हैं जिससे वे आज की अपनी राजनीति का उल्लू सीधा करना चाहते हैं। अम्बेडकर क्या सोचते थे इस्लाम और वामपंथ के बारे में? आज के इस्लामी और वामपंथी नेतृत्व में उन्हें अपना बनाने की होड़ के पीछे रंच मात्र भी सत्यता है क्या? मिथिलेश कुमार सिंह की पुस्तक इन सभी बातों को स्पष्टता से रखती है।