Amrit Ki Disha (अमृत की दिशा)
Hindi

About The Book

जिस व्यक्ति को ध्यान साधना हो उसे मरना सीखना होता है। मरते सारे लोग हैं लेकिन सीख कर बहुत कम लोग मरते हैं। और जो मरने को सीख लेते हैं अदभुत होता है उन्हें घटना घटती है। जो मरने को सीख लेते हैं फिर मृत्यु उनकी नहीं होती। जो अपने हाथ से मृत्यु को सीख लेता है वह जान जाता है कि उसके भीतर कोई तत्व है जिसकी कोई मृत्यु नहीं है। और जो अपने हाथ से मृत्यु को नहीं साधता उसे मृत्यु बार-बार घटित होती है और अमृत से वह परिचित नहीं हो पाता।ओशोपुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदुः अंतर्दृष्टि की पतवार का क्या अर्थ है? ५० ध्यान क्या है? जीवन-परिवर्तन के सूत्र मनुष्य आनंद को कैसे खोजे?. About the Author ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
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