प्रस्तुत पुस्तक विद्यालयों मे चल रहे आनन्दम् नामक कक्षा से प्रेरित है चूंकि देश के विभिन्न राज्यों ने अपने अपने राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा के सुखद वातावरण के निर्माण के लिए एवं आनन्दमयी अधिगम को बढ़ावा देने के लिए विविध नामों से एक विशेष विषय/कक्षा के निर्माण पर बल दिया हैं जिसमें शिक्षक विद्यार्थियों की रूचियों क्षमताओं को ध्यान में रख कर अनेक सामाजिक सांस्कृतिक शारीरिक एवं सौन्दर्यात्क क्रियाओं का आयोजन करते हैं तथा इन गतिविधियों के माध्यम से वे विद्यार्थियों की श्रृजनात्मक शक्ति संरचनात्मक शक्ति कल्पनाशक्ति तथा चितंन एवं मनन जैसी शक्तियों के साथ साथ वाक अभिव्यक्ति के विकास पर बल देते हैं। इस पुस्तक के माध्यम से प्रक्षिशु अध्यापक/अध्यापिकाओं को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान क्रियान्वित होने वाले विविध क्रियाओं में यह पुस्तक अत्यन्त उपयोगी सिद्व होगी। अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम जैसे कि बी.एड. डी. एल. एड. बी.टी.सी. एम.एड. आदि कार्यक्रमों की प्रशिक्षण अवधि में अनेको ऐसे कार्यक्रमों का सम्पादन करना होता है जैसे कि शूक्ष्म शिक्षण सिमुलेशन इंटर्नशिप आदि जहां पर छात्राध्यापक/ छात्राध्यापिका इस पुस्तक के माध्यम से अनेकों गतिविधियों का आयोजन आसानी से कर सकेंगें तथा साथ ही यह पुस्तक शिक्षक प्रशिक्षकों के लिए भी अत्यन्त लाभदायक होगी जिससे कि वे आनन्दम् या आनन्दपूर्ण अधिगम का प्रशिक्षण अपने प्रक्षिशुओं को करा सकेंगे।
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