Anna Karenina

About The Book

उन्नीसवीं सदी के उच्चवर्गीय रूसी समाज में एक दिलकश अदाओं वाली कुलीन सुंदरी आन्ना केरेनिना अपने से बीस साल बड़े सीनियर स्टेट्समैन अलेक्सेई अलेक्ज़ेंड्रोविच केरेनिन से विवाह तो रचा लेती है लेकिन उसके जज़्बात और बेचैनी उसे इस बंधन से निकलने को मजबूर कर देते हैं। वह एक युवा और अमीर सैन्य अधिकारी काउंट ब्रोंस्की के प्रेमपाश में बँध जाती है और अपने नीरस वैवाहिक जीवन से बाहर निकलना चाहती है। केरेनिन अलग होने से इंकार कर देता है और आन्ना अभिशप्त ज़िंदगी जीने को विवश हो जाती है। कठोर सामाजिक नियमों क़ानूनों और ऑर्थोडॉक्स चर्च के बीच फँसी आन्ना को अपराधबोध की भावना और अकेलापन घेर लेता है। अपनी लालसाओं और रूसी रस्म-रिवाजों के बीच संघर्ष कर रहे पात्रों के साथ टॉलस्टॉय की यह रचना उस काल के सामंतवादी रूसी समाज की पड़ताल करती है। इन पात्रों को बड़े सूक्ष्म विवरण के साथ गढ़ा गया है। इस पुस्तक की आज भी सर्वत्र प्रशंसा की जाती है। टॉलस्टॉय ने इसे अपना पहला सच्चा उपन्यास माना था। फ़िल्मों ओपेरा बैले और टीवी-रेडियो नाटकों में भी इसका रूपांतरण हो चुका है। यह उपन्यास आज भी पाठकों दर्शकों और श्रोताओं को पहले जितना ही लुभाता है।
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