अंतर्मन कुछ कहता है‘‘ मेरी स्कूल के दिनों से लेकर आज तक की लिखी हुई कविताओं का संकलन है। मेरा मानना है हमारे आस-पास जो भी होता है या हम देखते हैं वह सीधा हमारे अंतर्मन पर असर करता है। मैंने अपने अभी तक के सफर में जिन्दगी से बहुत कुछ सीखा है और उसका मेरे अंतर्मन से गहरा रिश्ता है। यह किताब ऐसी ही छोटी-बड़ी कई कविताओं का सफर है।
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