दिल में उमड़ते अद्भुत तूफां का शोर सुन ले में हूँ खुली किताब हो सके तो मुझको पढ़ लो इसी भाव संवेदना के साथ पुस्तक में दी जा रही मेरी कविताएँ शिक्षा से लेकर समाज तक प्रकृति से ईश्वरीय प्रेम तक व्यक्त भावनाएँ और प्रतिक्रियाएँ हैं। दिल की गहराइयों से लिख डाला क्योंकि कविता सोचकर नहीं लिखी जाती वरन यह तो मेरे अंतस की प्रतिध्वनि है। मेरा यह काव्य-संग्रह चार खण्डों में विभाजित है जो क्रमश: गुरु महिमा की प्रतिध्वनि जीवन के विविध रंगों की प्रतिध्वनि ईश्वरीय। आत्मिक प्रेम की प्रतिध्वनि तथा अन्य प्रतिध्वनियाँ के रूप में है।
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