काव्य संग्रह अनुभूति में शामिल रचनाएं समाज का आईना हैं। पिता श्री सुरेश सोनी ऋतुराज ने कई दशक की अपनी काव्य यात्रा के अनुभवों को अपनी कलम से संजोया और संवारा है। बदलते परिवेश में देश की राजनीति ने किस तरह करवट बदली और लोकतंत्र में सत्ता का कैसा चेहरा आम जन मानस को देखने मिला इसको स्पर्श करने का प्रयास रचनाओं में किया गया है। समाज में व्याप्त विद्रूपताओं को सामने लाने की कोशिश में वो तमाम विषय उठाए गए हैं जो कवि मन को आहत करते हैं। आज का इंसान किन विसंगतियों से जूझते हुए जीवन यापन कर रहा है इसे भी कविता की विषय वस्तु में शामिल किया गया है। इसके अलावा सामाजिक सरोकार प्रेम इंतजार व्याकुलता पीड़ा और जज्बातों को रचनाओं के केंद्र में लाने का प्रयास किया गया है। कुल मिलाकर यह काव्य संग्रह पाठकों की सोच और उनके विचारों को स्वर देता है। आशीष सोनी समूह संपादक यशभारत
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