विक्रम सिंह का उपन्यास 'अपना खून' पहाड़ी जीवन का मार्मिक पक्ष हमारे सामने लाती है। यह उपन्यास पहाड़ी लोगों की भूख गरीबी और उनकी तमाम लाचारियों के साथ-साथ वहां के लोगों की सादगी और अपार सुंदरता को बहुत सहजता से चित्रित करते हुए आगे बढ़ती है । इस क्रम में बेमेल विवाह बेरोजगारी और पहाड़ से लोगों के पलायन जैसे बड़े विमर्शों को बिना किसी लाग-लपेट के उपन्यासकार ने विविध रूपों में अंकित किया है। विक्रम सिंह अच्छे किस्सागो हैं। अपनी धरती और अपने पहाड़ से जुड़कर लिख रहे हैं।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.