APNE HISSE KA KHWAB
shared
This Book is Out of Stock!

About The Book

कश्मीर के लिए नवीं दसवीं और ग्यारहवीं सदी का समय एक ऐसे ज्ञान आधारित समाज के उभार का है जिसमें भारतीय मनीषा के धुरीण आचार्यों की पूरी आकाशगंगा दिखाई देती है। अभिनवगुप्त की असाधारण ख्याति का कारण ही यही है कि आनंदवर्धन मम्मट क्षेमेन्द्र श्रीशंकुक के प्रभामंडल को अपने प्रातिभ विभव की प्रखरता से मंद करते हुए वे एक ऐसे विलक्षण प्रज्ञावान चिंतक और विचारक के रूप में सामने आते हैं जिसका कोई जोड़ आने वाली कई-कई सदियों में नहीं मिलता। उपन्यासकार शैलेश ने अभिनवगुप्त के जीवनवृत्त को उपन्यास में डालने का जोखिम उठाया जो सद्यः दुष्कर ही जान पड़ता है। लेकिन कमाल यह है ''शारदादेश का साधक'' में किस्सागोई की ऐसी जादूगरी है कि आप पूरी कथा के जटिल आंतरिक विन्यासों की परवाह किए बगैर आगे बढ़ते चले जाते हैं। वितस्ता के सम्मोहक वैभव से सजी प्रकृति के बीच ज्ञान के इस सूर्य का उदय देखना हर उस पाठक के लिए विरल अवसर है जो भारतीय ज्ञान परंपरा की रोमांचक ऊँचाइयों की अनुभव करना चाहेगा। यह उपन्यास अभिनवगुप्त को उनकी गुंफित शाखीय छवि से बाहर लाकर लोकचेतना से जोड़ने का भगीरथ प्रयास है। कश्मीर के भूगोल इतिहास संस्कृति और अध्यात्म के समागम-बिंदु पर खड़ी यह रचना सहस्राब्दी पुरुष अभिनवगुप्त को प्रस्तुत करने की अनूठी रचनात्मक पहल है।
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
273
399
31% OFF
Hardback
Out Of Stock
All inclusive*
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE