कई अखबारों में काम करने के बाद इस उपन्यास के नायक ने साहित्यिक संस्था br>तेरी मेरी संस्था बनाई पर उसे मिला क्या? और जिस मकसद को लेकर खून पसीना बहाकर यह संस्था बनाई उसका क्या हश्र हुआ? आखिर चेतन ने एक लड़की को शिमला जाकर ट्यूशन पढ़ाने की बात क्यों स्वीकारी? हिन्दी साहित्य के अग्रणी लेखक उपेंद्रनाथ अश्क का यह उपन्यास समाज पर करारा कटाक्ष करता है।. About the Author उपेन्द्रनाथ अश्क उर्दू एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार थे। उपेंद्रनाथ अश्क ने साहित्य की प्राय: सभी विधाओं में लिखा है लेकिन उनकी मुख्य पहचान एक कथाकार के रूप में ही है। बम्बई प्रवास में आपने कई फ़िल्मों की कहानियाँ पटकथाएँ सम्वाद और गीत लिखे। उनको 1972 के 'सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया।.