यह पुस्तक एक अलग तरह का प्रयोग है जिसमे आम जिंदगी से जुड़े तमाम उदाहरणों को अपने अनुभव के साथ बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया है । इस किताब के माध्यम से बदलाव को कैसे स्वीकार करें सच्ची प्रेरणा कैसे पाएँ सहकर्मियो का विकास और उन पर कैसे रखें नियंत्रण जैसी कई बातें सीख सकते हैं। लेखक के बारे में : मैनेजमेंट गुरु के तौर पर पहचाने जाने वाले माननीय शरू रांगणेकर ने अपनी किताब में वही लिखा है जो उन्होंने देखा है। रांगणेकर जी कहते हैं मैं वहीं लिखता हूँ जो मैं देखता हूँ जबकि लोग ये समझते हैं कि मैं बहुत काबिल हूँ।
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