राष्ट्र अपने सैन्य बल से नहीं आर्थिक बल से बलवान बनता है। यदि देश का युवा नौकरी तलाशने के बजाय अपना स्वयं का छोटा-मोटा उद्योग शुरू करे तो देश बेरोजगारी भुखमरी आर्थिक संकट जैसी समस्याओं से उबरकर एक नई ऊर्जा से विकास के मार्ग पर अग्रसर हो जाएगा। व्यवसाय की समझ उत्पाद की गुणवत्ता का ज्ञान प्रतिद्वंदियों से सामंजस्य और व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को नियंत्रित रखकर भविष्य में कभी नुकसान की स्थिति आए तो उसके लिए क्या करना चाहिए। इन बातों को मद्देनजर रखते हुए लेखक राजेश माहेश्वरी ने इस किताब में युवाओं के लिए सार्थक मार्गदर्शन किया है।
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