Arthprachur – Shaktipith Darshnam ane Navratri Utsav_Hindi

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पूज्य आत्मजनो सति माता याने माँ पार्वती माँ उमिया माँ गौरी माँ शैलपुत्री माँ दक्षपुत्री माँ हिमालयपुत्री...जिनके 51 शक्तिपीठ है। माँ शक्ति के शरीर के 51 विभिन्न अंग अलग अलग दिशाओं में जो स्थान एवं देशोंमें गिरे उन स्थानों को शक्तिपीठ के नामसे पहचानें जाते हैं। गुजरात सहित भारत के विभिन्न राज्यों और नज़दीकी देशों में शक्तिपीठ अस्तित्व में है। श्री जनकभाई जलूंधवालाने गहराई से और अति सूक्ष्म अभ्यास से इन तमाम शक्तिपीठों का अध्ययन करके स्पष्ट उत्तम और सटीक उदाहरणसह जानकारी दी हुई है। उनके द्वारा भक्तिभाव और आध्यात्मिक रंगों में रंग जाए ऐसी ईश्वरिय कृपा से एवं माताजी की कृपासे अति सुंदर वर्णन है। साथ साथ नवरात्रि में भी माँ दुर्गा के नव स्वरूप शैलपुत्रि ब्रहमचारिणी चंद्रघंटा कुष्मंडा स्कन्दमाता कात्यायनी कालरात्रि महागौरी और सिद्धदात्री नवदुर्गा के नव स्वरूप के बारेमें भी अति सुंदर वर्णन किया है। इससे अधिक जो कोई भक्तजन जो शिव शक्ति के उपासक है वे इस पुस्तक का जरूर इस्तेमाल करे। चिंतन और मनोमंथन करे। जय माताजी । किशन महाराज (ज्योतिषाचार्य टेरोटकार्डॅ रीडर रेकी ट्रेईनर लेखक)
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